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Short Stories
कहानी के सौ साल : चुनी हुई कहानियाँ (Kahani Ke Sau Saal : Chunee Huee Kahaniyan)
0 out of 5(0)कहानी के सौ साल गुजर गये। इस बीच इसमें कई मोड़ आये। कई पीढ़ियों, तबकों और क्षेत्रों ने इसकी शताब्दी-यात्रा में अपना योगदान किया है। इसलिए हमारी कोशिश रही है कि इन तमाम घटकों को इस संग्रह में स्थान मिले, किन्तु नौ कहानियों के छोटे कलेवर में संभव नहीं हो सका। बावजूद इसके महिला-लेखन और दलित-लेखन से लेकर नई दीदी के कथाकारों द्वारा हिन्दी में लिखी जानेवाली कहानियों के बीच से एक-एक कहानी हो गयी है। साथ ही प्रेमचन्द से लेकर डॉ० विद्योत्तमा मिश्र तक की एक-एक कहानी को संपादित करके हिन्दी कहानी के इतिहास को रेखांकित किया गया है। पंजाब-दिल्ली से लेकर झारखण्ड तक के कथाकारों को इसमें स्थान मिला है ताकि इसका विस्तृत आयाम अगर हो सके । ‘नौ कहानियों का मर्म’ और ‘कहानीकार-परिचय’ देकर हमने पाठकों विद्यार्थियों की सुविधा का ख्याल रखा है। कहना न होगा कि ‘नौ कहानियों का मर्म कहानियों पर एक मुकम्मल समीक्षा नहीं है अपितु उनके मर्म को टटोलने की कोशिश हम उन कहानीकारों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिनको रचनाओं उपयोग हमने इस संग्रह में किया है।
SKU: JPPAT98343₹43.00₹50.00
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