Chikitsa Manovigyan ( चिकित्सा मनोविज्ञान ) BookHeBook Online Store
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Chikitsa Manovigyan ( चिकित्सा मनोविज्ञान )


यह पुस्तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर मनोविज्ञान के साथ साथ नैदानिक या चिकित्सा मनोविज्ञान में एम० फिल० की पढाई कर रहे विद्यार्थियों को ध्यान में रख कर लिखा गया है। इस पुस्तक में कुल पाँच अध्याय है ( अध्याय 1: परिचय, उदेश्य एवं क्षेत्रय अध्याय 2: मानसिक रोग कारण, प्रकार एव लक्षणय आध्याय-3-  नैदानिक समस्यायें अध्याय 4 मापन एवं निदानय अध्याय 5 मनोचिकित्सा परामर्श । ) जो चिकित्सा मनोविज्ञान के परिचय से लेकर मानसिक विकृति या रोग क्या है, इसके कारण, लक्षण एवं रोग प्रकार सहित रोग निदान तथा चिकित्सा प्रकार तक का वर्णन है जिससे कमजोर से कमजोर विद्यार्थी भी विषय वस्तु को भलीभाँती समझ कर इसका लाम उठा सकते है। चिकित्सा मनोविज्ञान में चिकित्सा के साथ परामर्श का भी रोगी के रोग उपचार में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है अतः इस बात को ध्यान में रखकर परामर्श की चर्चा इस पुस्तक में विशेष रूप से की गई है। मनोचिकित्सा एवं परामर्श आधुनिक समय की मांग है। इन दोनों बिंदुओं पर यह पुस्तक पुरी तरह केन्द्रित है। इस पुस्तक में कुछ शोध परख बातों का भी उल्लेख है जिससे विद्यार्थी विषय को गंभीरता से समझ सकते है। संक्षेप में, इस पुस्तक में विषय को सरल बनाकर गागर में सागर भरने का एक प्रयास मात्र किया गया है।

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यह पुस्तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर मनोविज्ञान के साथ साथ नैदानिक या चिकित्सा मनोविज्ञान में एम० फिल० की पढाई कर रहे विद्यार्थियों को ध्यान में रख कर लिखा गया है।

Binding

Hard Cover ( कठोर आवरण )

ISBN

9789381313534

Language

Hindi ( हिंदी )

Pages

313

Publisher

Janaki Prakashan ( जानकी प्रकाशन )

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