Geet and Ghazal
Showing 1–24 of 32 results
-
Geet and Ghazal
Aankhon Bhar Aakash
आँखों भर आकाश’ देवनागरी में आनेवाला निदा फ़ाज़ली का ऐसा संकलन है जिसमें उनकी अब तक की अधिकांश कविताएँ निरखी और परखी जा सकती हैं। इसमें पिछले पच्चीस बरसों की उसकी सोच-समझ और सरोकार का फैलाव है और अब तक आये तीनों मजमूओं में से खुद लेखकीय चुनाव-इसीलिए एक अर्थ में यह निदा की प्रतिनिधि कविताओं का संग्रह भी कहा जा सकता है। इसमें ग़ज़लें भी हैं, नज़्में भी और कुछ गीत भी। शुरू का दौर भी है, बीच का भी और इधर का भी, लेकिन जो बात अव्वल से अब तक मुसलसिल बनी हुई है वह है कवि का हर एक के लिए एक बेलौस लगाव-कुछ लोगों को यह सिनिसिज़्मकी हदों को छूने वाला भी लग सकता है लेकिन शायद यह हर आधुनिक रचनाकार की मजबूरी है कि वह माँ, बाप, भाई, बहन, परिवार, स्त्री प्रेम, समाज और देश, किसी को भी जस-का-तस स्वीकार नहीं करता। वह उन्हें सन्देह के कठघरे में धकेलकर सवाल करता है-ऐसे कि पहले वह सवाल पलटकर एक-एक कर ख़ुद उसका गिरेबान पकड़ ले और फिर अन्ततः समाज का होकर रह जाये। यही वह सच है जिसे अपने समय का हर सही रचनाकार अपने अनुभव की रोशनी में ही देखना और परखना चाहता है जैसाकि ख़ुद निदा फ़ाज़ली का ही एक दोहा है :
वो सूफ़ी का क़ौल हो या पण्डित का ज्ञान,
जितनी बीते आप पर उतना ही सच मान-शानी
SKU: VPG8170557654 -
Geet and Ghazal
Hazaron Hasaraten Wo Hain
महाकवि दाग़ ने अपना उपनाम ‘दाग’ भले ही रख लिया हो, मगर उनकी शायरी में भाँति-भाँति के उज्ज्वल रंगों की उपस्थिति देखते ही बनती है। पिछली लगभग डेढ़ शताब्दी से शायरी की दुनिया में उनकी उपस्थिति उन्हें जन-जन का शायर बनाये हुए शायरों के समकक्ष है। दाग़ देहलवी अपनी बेबाक प्रेमाभिव्यक्तियों के कारण पूरी शताब्दी पर छाये रहे और आज भी उनकी इश्किया शायरी जवान दिलों की धड़कन बनी हुई है। शायरी का शौकीन हो अथवा साहित्य से कोसों दूर सामान्य जीवन जीने वाला कोई इनसान जब भी उसके कानों में दाग़ के अश्आर पड़े हैं, अक्सर झूम-झूम गया है और दाग का नाम जाने बग़ैर उनके शेरों का मुरीद बन गया है।
SKU: VPG9350721605 -
Geet and Ghazal
Khwab Koi Bikhar Gaya
‘फिर वसन्त आये..’ से जो काव्य-यात्रा शुरू हुई थी, ‘काव्य तरंग’ की धारा से पाठकों को सराबोर करती हुई अब एक दिलचस्प मुकाम पर आकर ठहरी है। ख्वाबों की दुनिया में, जहाँ पर अनजाने में ही भटकता हुआ कोई ख्वाब आकर रूह से टकराकर सिर्फ दिल में रहता ही नहीं है बल्कि बिखरकर जज्ब हो जाता है हर एक रग-रग में, और जगा देता है मन में सोये हुए हर जज़्बात को । बना देता है इस पड़ाव को इतना हसीन कि इसमें क्या कुछ नहीं महसूस होने लगता है..? इश्क, प्रेम, जुदाई, ख़ामोशी, दीवानगी, मस्तानापन, बहार, ख़िज़ाँ और न जाने क्याक्या… | मजे की बात ये है कि ये सब कुछ हमारे इर्द-गिर्द ही होने लगता है, शायरी के इस हसीन सफ़र के इस मज़ेदार पड़ाव पर, इसी मुकाम पर। …और इस दिलकश मुकाम का नाम है ‘ख़्वाब कोई बिखर गया…’
SKU: VPG9389563139 -
Geet and Ghazal
Sameerana Geet
जहाँ से चले थे वहीं आ गये हम, चले उम्र भर फ़ासले हुए न कम-यही है समीर की पूरी यात्रा। एक गीतकार के आईने में अगर समीर को उतारा जाये तो उनकी तस्वीर पानी की साफ़ नज़र आती है। किसी ने सच कहा है, पानी रे पानी तेरा रंग कैसा जिसमें मिला दो लगे उस जैसा। कविता के सारे रंगों में समीर ने अपने आपको ढाला है, जो जिया है वही लिखा है, जो देखा है वही महसूस किया है, आसान शब्दों में बड़ी बात कहना आसान नहीं होता। उदाहरण के तौर पर, धूप और छाँव की लड़ाई है, ज़िन्दगी अब समझ में आयी है। समीर के अन्दर प्यार का एक जीता-जागता समन्दर है, दर्द का एक चलता-फिरता रेगिस्तान है, हौसलों का एक अनन्त आसमान है, और सपनों की एक जगमगाती दुनिया है, इन सबकी बेचैनी को लेके समीर का कवि-मन अपनी खोज में भटकता रहता है। समीर की कविताओं में शब्दों से ज़्यादा भावनाओं को अहमियत दी गयी है।
SKU: VPG9387330917