Uttar Bihar Mein Puratatv Ka Udhavab Avam Vikas उत्तर बिहार में पुरातन का उद्धव एवं विकास BookHeBook Online Store
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Uttar Bihar Mein Puratatv Ka Udhavab Avam Vikas (उत्तर बिहार में पुरातत्व का उद्भव एवं विकास)


उत्तर बिहार का इतिहास प्राचीनकाल से ही अति समृद्ध एवं गौरवमयी रही है। प्राचीन भारत में प्रथम गणतंत्र इसी प्रक्षेत्र के वैशाली में पल्लवित हुई थी तथा मौर्य सम्राट अशोक ने उत्तर बिहार कि महता को बरकरार रखते हुए तीन एकाश्मिक स्तम्भों को क्रमश: अराज, लौरिया, नन्दन गढ़ एवं रामपुरवा में धर्मोपदेश उत्तीण कर लगवाना भगवान बुद्ध एवं जैन तीर्थंकर महावीर के पवित्र चरणों द्वारा यह प्रक्षेत्र कई बार मर्यादित हुआ। ऐसे महत्त्वपूर्ण उत्तर बिहार में पुरातत्व के उद्भव एवं विकास जैसी जटिल विषय पर डॉ. रश्मि सिन्हा ने शोष कर इसे पुस्तक के रूप में शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ही सहन भाषा में प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक के द्वारा लेखिका ने उत्तर बिहार के महत्वपूर्ण पुरातात्विक धरोहरों की ओर शोधकर्ताओं का ध्यान आकृष्ट किया है। लेखिका द्वारा खोज की गई लगभग तीन सौ पुरातात्विक स्थलों का भौगोलिक एवं पुरातात्विक विवरण के साथ उल्लेख किया गया जिनमें किशनगंज जिला के लगभग बीस ऐसे ताकि स्थलों का विवरण अंकित है जो अभी थे। यह लेखिका को सबसे महत्वपूर्ण उपलब्ध है।

इस पुस्तक में डॉ रश्मि सिन्हा ने उन पुरातत्वविदों का जीवनवृत प्रस्तुत किया है जिन्होंने उत्तर बिहार में मुख्य रूप से कार्य किया है। यह एक नवीन प्रयास है। वास्तव में जीवनपर्यंत पुरातत्त्वविद् प्राचीन सभ्यताओं एवम् संस्कृतियों की रूपरेखा तैयार करते रहते हैं, अपने पांडित्य एवम् कार्यक्षमता के बारे में कुछ नहीं लिख पाते हैं। लेखिका ने बहुत मेहनत करके अनेक पुरातत्वविदों के जीवनवृत एवम् कार्यों को सकारात्मक शैली में लिखा है। प्रस्तुत पुस्तक का यह विशिष्ट अध्याय शोधकर्ताओं तथा विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण सावित होगा।

 

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उत्तर बिहार का इतिहास प्राचीनकाल से ही अति समृद्ध एवं गौरवमयी रही है। प्राचीन भारत में प्रथम गणतंत्र इसी प्रक्षेत्र के वैशाली में पल्लवित हुई थी तथा मौर्य सम्राट अशोक ने उत्तर बिहार कि महता को बरकरार रखते हुए तीन एकाश्मिक स्तम्भों को क्रमश: अराज, लौरिया, नन्दन गढ़ एवं रामपुरवा में धर्मोपदेश उत्तीण कर लगवाना भगवान बुद्ध एवं जैन तीर्थंकर महावीर के पवित्र चरणों द्वारा यह प्रक्षेत्र कई बार मर्यादित हुआ।

Binding

Hard Cover ( कठोर आवरण )

ISBN

9788190763479

Language

Hindi ( हिंदी )

Publisher

Janaki Prakashan ( जानकी प्रकाशन )

Pages

398

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