चर्चित चेहरे (Charchit Chehre)
प्रस्तुत पुस्तक 'चर्चित चेहरे' आपके कर-कमलों में है। कोई माँ की कोख से सज्जन- दुर्जन पैदा नहीं होता। हालात उसे संत-असंत बना देते हैं। यह सनातन सत्य है। तभी तो देवासुर संग्राम है। औरत-दौलत-शोहरत की तिकड़ी ने सब गुड़-गोबर कर दिया है। इसका परिष्करण व परिमार्जन आवश्यक है। प्रसंगवश कहना पड़ता है कि मेरी स्ववित्तपोषित वृहद् शोध परियोजना 'दास्तां-ए-आजाद भारत' का भट्टा बैठ गया। इसकी शुमार मानक ग्रंथों में तो अवश्य हुई, लेकिन विपणन में विपन्नता की चोलो न कि झोली का स्वरूप धारण कर सकी। बाल-बच्चों ने नाराजगी जाहिर की। अर्धांगिनी ने मी भृकुटी तान ली। लेकिन, हमने हानि-लाभ की दुश्चिन्ता नहीं की। 'स्वान्तः सुखाय सर्वान्तः सुखाय' का सुकून महसूस किया। शायद प्रकाशक ने भी थोड़ा-थोड़ा ठगा महसूस किया, क्योंकि प्रतिलिप्याधिकार से उन्हें बाँचत रखा गया था। स्पष्ट है, प्रकाशन ने इसके विपणन के लिए न कोई विज्ञापन दिया और न एजेन्ट ही बहाल किया। खामियाजा मुझे भुगतना पड़ा। इसका कोई मलाल नहीं है।
₹ 239 ₹400
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Pages : | 153 |
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