नक्सलवादीआन्दोलन में महिलाऍ (Naxalvadi Aandolan Mein Mahilayen)
भारत में महात्मा गाँधी के स्वतंत्रता आन्दोलन के बाद नक्सलवादी आन्दोलन का महत्वपूर्ण स्थान निश्चित है। इन आन्दोलन की एक विशेषता यह है कि इनमें महिलाओं की भागीदारों आन्दोलन के प्रारम्भ से ही रहो परन्तु इन्हें इतिहास में उचित स्थान प्राप्त नहीं हुआ । नक्सलबाड़ी में प्रथम पुलिस फायरिंग में ही सात महिलाएँ शहीद हुई थी। नक्सलवाद आज हमारे देश में न केवल राजनीति का विषय बना हुआ है। वरन् वह हमारे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक एवं अन्य जीवन क्षेत्रों का भी न्यूनाधिक विषय बन गया है, जिस पर विभिन्न विषयों के चिन्तक चिन्तनरत हैं। प्रस्तुत पुस्तक में नक्सलवादी आन्दोलन के उदय एवं विकास की विवेचना के साथ इस आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। देश के अनेकों हिस्सों में फैले नक्सलवादी आज इस आन्दोलन से उर्जा प्राप्त करते हैं। व सही है या गलत इस पर वाद-विवाद निरन्तर चलता रहता 1 इस पुस्तक में तथ्यों को उजागर किया गया है-निरपेक्ष होकर । इस पुस्तक के मुख्य पाँच अध्याय है- ऐतिहासिक संदर्भों में नारी, नक्सलवादी आन्दोलन का उदय, विभिन्न नक्सलवादी संगठन, नक्सली संगठनों में महिलायें और नारी मुक्ति आन्दोलन में नक्सलवादी आन्दोलन का प्रभाव ।
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Pages : | 153 |
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