Beete Dashak Ki Desh Dasha Avm Vartamaan Chunautiyan (बीते दशक की देश दशा एवं वर्तमान चुनौतियां)
बीते दशक की देश-दशा एवं वर्तमान चुनौतियाँ' शीर्षक पुस्तक श्री सुरेश रूंगटा के समय-समय पर विभिन्न पत्रों में लिखे गये लेखों का संकलन है। ये लेख चीते दशक के कालखण्ड. में देश-विदेश के साथ-साथ बिहार की आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हैं. तथा विकास हेतु सकारात्मक संकेत भी देते हैं। किसी भी व्यक्ति, समाज, राज्य एवं राष्ट्र के लिए आर्थिक उन्नति, विकास के लिए महत्वपूर्ण सोपान होता है। लेखक तदर्थ बड़े उद्योगों के साथ-साथ कुटीर उद्यागों को भी बढ़ाने की बात करता है। बिजली और बाद जैसी विभीषिकाओं पर भी विचार प्रस्तुत किये गये हैं। इस प्रकार जीवन के अनुभवों के आधार पर लिखी गयी यह पुस्तक आम आदमी के साथ-साथ शोध के विद्यार्थी के लिये भी उपयोगी होगी। साथ ही राज्य के विकास तक में सहायक सिद्ध होगी, यह कहा जा सकता है। आवश्यकता इस बात की है कि इसे लोगों तक पहुँचाया जा सके तो वर्तमान चुनौतियों को सहजता से सुलझाने में आसानी होगी। मैं इसे उत्थान हेतु प्रेरणाप्रद मानती हैं। 'बीते दशक की देश-दशा एवं वर्तमान चुनौतियाँ पुस्तक श्री सुरेश सँगटाजी की देश की दशा और दिशा पर गहन अध्ययन और पर्यवेक्षण का आक्षरिक रूप है। रुँगटाजी व्यवसाय जगत् के कर्मठ और मनस्वी सदस्य हैं। धनदेवी की कृपा के अतिरिक्त इन्होंने वाग्देवी की भी विशेष कृपा आयत की है। यह इनके द्वारा लिखित प्रस्तुत ग्रंथ से स्पष्टतः प्रमाणित है। इस कृति में इन्होंने देश-दशा का विभिन्न पहलुओं से पर्यवेक्षण किया है और एक अर्थशास्त्री की तरह जो सुझाव दिये हैं, वे तर्क सम्मत तो है ही, इनके सुझावों का उपयोग बिहार सरकार के लिए भी दिनिर्देश करनेवाला प्रमाणित होगा।
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Pages : | 153 |
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