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Swatantrata Sangram Mein Patra Patrikaon Ka Yogdaan ( स्वतंत्रता संग्राम में पत्र पत्रिकाओं का योगदान )
प्रस्तुत पुस्तक 'स्वतंत्रता संग्राम में पत्र-पत्रिकाओं का योगदान' में देश की आजादी में जिन पत्र-पत्रिकाओं की मुख्य भूमिका रही उनका विवरण प्रस्तुत किया गया भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का यदि सही ढंग से आकलन किया जाय तो स्वतंत्रता की पृष्ठभूमि तैयार करने में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका सर्वोपरि रही है । स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए राजनेताओं को जितना संघर्ष करना पड़ा, उससे तनिक भी कम संघर्ष पत्रों एवं पत्रकारों को नहीं करना पड़ा। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का यदि सही ढ़ंग से आकलन किया जाय तो स्वतंत्रता की पृष्ठभूमि तैयार करने में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका सर्वोपरि रही है । स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए राजनेताओं को जितना संघर्ष करना पड़ा, उससे तनिक भी कम संघर्ष पत्रों एवं पत्रकारों को नहीं करना पड़ा । उन दिनों पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक, प्रकाशक एवं मुद्रक को न तो किसी का सम्बल था और न संरक्षण। संसाधनों का अभाव साथ ही अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य की न कोई संविधान सम्मत अवधारणा । यावजूद पत्रकारिता भवसाय नहीं मीशन के रूप में अपनाई गई । लक्ष्य सिर्फ एक था, देश को दासता की जंजीरों से मुक्त करना | लेखनी के माध्यम से जन जागरण का उत्कट उदघोष करना । ब्रिटिश नौकरशाही की जड़ मूल से उखाड़ फेंकन पुरस्कार का संकल्प कारावास भोगने और अतिरिक्त नृशंस यातनाएं सहने को तत्पर रहना |
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Pages : | 153 |
Made In : | India |