भारत में ब्रिटिश शिक्षा (Bharat mein British Shiksha)
प्रस्तुत पुस्तक भारत में ब्रिटिश शिक्षा भारतीय शिक्षा एवं ब्रिटिश शिक्षा पर तुलनात्मक अध्ययन के अनुभव को समाप्त करने में सक्षम होगा, यह मेरा विश्वास है । इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय शिक्षा एवं ब्रिटिश शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए ब्रिटिश शिक्षा का उद्भव एवं विकास का वर्णन किया गया है। ब्रिटिश शिक्षा कालीन भारतीय भाषाओं का विकास किन किन श्रोतों एवं कारणों से हुआ इसका उल्लेख है । राष्ट्रीय आंदोलन एवं शिक्षा एवं शिक्षा की प्रगति, विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं विकास की परिचर्चा करके इसे राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लाने का प्रयास किया है। आशा है कि यह पुस्तक पाठकों के आवश्यक्ताओं की पूर्ति करने में सहायक सिद्ध होगी । मेरा आग्रह हैं किं पाठक अपने बहुमूल्य सुझावों से मुझे अवगत कराने की कृपा करेंगे। भारत में ब्रिटिश शिक्षा नामक पुस्तक डा. अमरेन्द्र कुमार द्वारा लिखित शोध पथ हैं। शिक्षण संस्थानों, अध्यापको, माओं तथा इतिहास बेताओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है, क्योंकि इस पुस्तक में लिखित शिक्षा के विषयों का विशद विवेचना, शोधकर्ताओं, अध्यापकों के लिए अति परमोपगोगी सिद्ध होगा, इसके साथ ह साथ पाठकों की रूचियों सुविधाओं एवं दृष्टिकोणों के अनुकूल उनको आवश्यकताओं की पूर्ति करने में प्रस्तुत पुस्तक अत्याधिक साहायक होगी । घटना विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभाग से एम० ए० परीक्षा विशिष्टता पूर्वक उत्तीण होने के बाद जब डा० अमरेन्द्र कुमार शोध कार्य के लिए मेरे पास आये तो मैंने भारतीय शिक्षा एवं ब्रिटिश शिक्षा पर तुलनात्मक क्रूरा से कार्य करने के लिए सुझाव दिया। भारतीय शिक्षा एवं ब्रिटिश शिक्षा पर कार्य हो चुके हैं, लेकिन इस तरह का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए कोई भी पुस्तक का प्रकाशन शायद अभी तक नहीं हो पाया है। यह एक बहुत बड़ा आभाव था जिसकी पूर्ति डा० अमरेन्द्र कुमार ने प्रस्तुत ग्रंथ द्वारा की है और इसके लिए वह धन्यवाद के पात्र है। वस्तुतः यह पुस्तक अपनी नूतनता, चारूता के द्वारा उदारचेता मनीषियों के मन को थोड़ा भी आकर्षित करता है तो यह श्रेय डा० अमरेन्द्र कुमार को जायेगा, क्योंकि शोध-कर्ता के कठिन परिश्रम एवं लगन का यह फल है । प्रस्तुत ग्रन्थ में वर्णित विषयों की चर्चा अध्याय क्रम से किया गया है जो शोधार्थियों एवं अध्यापकों के लिए सहज सोपान साबित होगा । प्रथम अध्याय में भारत में ब्रिटिश शिक्षा से सम्बन्धित विषयों पर प्रकाश डाला गया है। यानि ब्रिटिश कालीन शिक्षा पद्धति को वर्तमान शिक्षा पद्धति से तुलना की गयी है। द्वितीय अध्याय में भारत में ब्रिटिश शिक्षा का उद्भव एवं विकास से संबंधित बातें लिखी गयी है। ब्रिटिश शिक्षा में शिक्षा का विकास किन-किन परिस्थितियों में हुआ था इसको चर्चा अतिगहन चिन्तनोपता लिखा गया है । तोमर अध्याय में ब्रिटिश शिक्षा कालोन भारतीय भाषाओं का विकास किन-किन स्रोता एवं कारणों से हुआ इसकी शि वर्णित है।
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Pages : | 153 |
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