भारतीय राजनीति और अहिंसा (Bhartiya Rajniti aur Ahinsa)
प्रस्तुत पुस्तक भारतीय राजनीति और अहिंसा डॉ० जगन्नाथ प्रसाद की मौलिक कृति है। उन्होंने ने विभिन्न साधन स्रोतों के आधार पर इसकी रचना की है। भारतीय राजनीति में अहिंसा की प्रासंगिकता का लेखा जोखा इन्होंने किया है। पुस्तक में महात्मा गाँधी के अहिंसक अवधारणा का सभा-लोचनात्मक अध्ययन किया गया है। राजनीति एवं अहिंसा की पृष्ठ भूमि अहिंसा की उत्पत्ति एवं विकास, गाँधी जी का अहिंसा सम्बन्धी चिन्तन साम्यवादी अहिंसा का वृहत्त अध्ययन किया गया है। स्नातक, स्नाकोत्तर एवं शोध छात्रों तथा शिक्षकों को इससे लाभ मिलेगा। अहिंसा भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। 20वीं शताब्दी में इस बात को भारत में गाँधीजी ने अग्रसारित किया। विगत 2017 में चंपारण आंदोलन का शताब्दी वर्ष मनाया गया और के अवधारणाओं को प्रचार प्रसार किया गया। 2019 में गाँधीजी के जन्म-शताब्दी का 150 वर्ष मनाए गए और उनसे संबंधित साहित्यों का बड़े पैमाने पर लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। मैं इतिहास और राजनीति दोनों विषयों से संबंध रखता हूँ। इतिहास को शिक्षक हूँ और सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दोनों ही राजनीति के मैदान में सशक्त ढंग से कार्य कर रहा है। मेरे मन में यह बातें आयी कि क्यों नहीं अहिंसा पर विस्तृत जानकारी ली जाए और राजनीति में गांधीजी को जोड़ते हुए विश्लेषण किया जाए। फलतः प्रस्तुत पुस्तक उसी का परिणाम है। प्रस्तुत पुस्तक के लेखन में विभिन्न पुस्तकालयों, शोध-केन्द्रों एवं अहिंसा, राजनीति और गाँधीजी के विशेषों से हमने भरपूर सहायता ली और इस कार्य को संपन्न किया। इस क्रम में हमें पटना विश्वविद्यालय गांधी संग्रहालय, वर्धा आश्रम एवं बिहार के अभिलेखागार तथा राष्ट्रीय अभिलेखागार में संकलित पुस्तकों का अध्ययन करना पड़ा। विभिन्न विशेषज्ञों का में हार्दिक रूप से आभारी हूँ।n
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Pages : | 153 |
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