वर्तमान परीक्षा पद्धति का मनोप्रौद्योगिक मूल्यांकन (Vartman Pariksha Paddhti ka Manopraudyogik Mulyankan)
प्रस्तुत पुस्तक वर्तमान परीक्षा पद्धति का मूल्यांकन", में वर्तमान परीक्षा पद्धति के प्रति महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की मनोवृति जानने का प्रयास किया गया है। आज के समय में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में लेख परीक्षा की पद्धति प्रचलित है जिसकी अपनी कई कमियों है । अतः यह महसूस किया गया कि इसमें सुधार की आवश्यकता है । इसमें सुधार के कुछ उपाय भी सुझाये गये हैं और कुछ सुधारात्मक उपाय प्रयोग में लाये भी जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि इन सुधारात्मक उपायों द्वारा वर्तमान परीक्षा पद्धति की सारी कमियाँ दूर कर दी गई हैं। सुधार का क्रम निरंतर जारी है। इसी आलोक में यह पुस्तक यह जानने का प्रयास है कि वर्तमान परीक्षा पद्धति के प्रति विद्यार्थियों की मनोवृत्ति किस प्रकार यहाँ विभिन्न मनोप्रौद्योगिक मूल्यांकन विधाओं को प्रकाश मे लाने का प्रयास किया गया है जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से परीक्षा पद्धति को प्रभावित करता है । विश्वास है कि यह पुस्तक वर्तमान समय की मांग के अनुसार उपयुक्त सिद्ध होंगी ।
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Pages : | 153 |
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